Posted on 22-Jun-2020 08:04 PM
तू तो सो जा मेरे वीर, तू तो सो जा मेरे वीर
वीर की बलैया लेते मोक्ष की प्राचीर।
तुझे झुलाऊ पालना,और तुझे झुलाऊ गोद...(२)
तुझे झुलाऊ कैसे, तू तो जागरूक आत्म विभोर।
तू तो वीरा की तस्वीर, तू तो बन जा महावीर,
वीर की बलैया लेते मोक्ष की प्राचीर।
काहे को है बनो पालना, काहे की लागे डोर...(२)
रत्नत्रय को पालना है, वीतराग की डोर।
तू तो धर्मधुरन्दर वीर, बन जा नग्न दिगम्बर धीर,
वीर की बलैया लेते मोक्ष की प्राचीर।
देव शास्त्र गुरु मिले है तुझको, महाभाग्य है आज...(२)
भेद ज्ञान की शक्ति से, तुम बनो मोक्ष सरताज।
पीना समता रस का नीर, हरना दुःख अनंत के पीर,
वीर की बलैया लेते मोक्ष की प्राचीर।
तु तो सो जा मेरे वीर तू तो सो जा मेरे वीर,
वीर की बलैया लेते मोक्ष की प्राचीर।
0 टिप्पणियाँ