सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी



सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी,

ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी।

 

छोटो सा तू, कितने बड़े अरमान तेरे,

मिट्टी का तु, सोने के सब सामन हैं तेरे।

मिट्टी की काया मिट्टी में जिस दिन समाएगी,

ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी॥

 

पर तोल ले, पंची तू पिंजरा तोड़ के उड़ जा,

माया महल के सारे बंधन छोड़ के उड़ जा।

धड़कन में जिसदिन मौत तेरी गुनगुनायेगी,

ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी॥

 

काहे करे नादान तू दुनिया में नादानी,

काया तेरी यह राजसी है राख हो जानी।

‘राजेंदर’ तेरी आत्मा विदेह जायेगी,

ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी॥