श्री अरहनाथ भगवान आरती



जय अरहनाथ देवा,स्वामी अरहनाथ देवा

आरती तेरी आरत हारी,आरती तेरी आरत हारी

करे करम छेवा,जय अरहनाथ देवा...।

 

हस्तिनापुर में जन्म लियो है,जन जन सुखकारी

स्वामी जन-जन सुखकारी,राय सुदर्शन मित्रा आंगन 

राय सुदर्शन मित्रा आंगन,रत्नवृष्टि भारी

जय अरहनाथ देवा... ।

 

त्रि पद धारी तुम त्रिपुरारी,दीन दयाल प्रभु

स्वामी दीन दयाल प्रभु,तुम चरणों की सेवा करके

तुम चरणों की सेवा करके,होते विश्व विभू

जय अरहनाथ देवा... ।

 

सहेतुक वन में आम्रवृक्ष तल,प्रभु दीक्षा धारी

स्वामी प्रभु दीक्षा धारी,चार घातिया कर्म नाशकर

चार घातिया कर्म नाशकर,केवल निधि पाई

जय अरहनाथ देवा... ।

 

दिव्य देशना जग हितकारी,कुम्भ गणी अवधार

स्वामी कुम्भ गणी अवधार,नाटक कूट से मोक्ष पधारे

नाटक कूट से मोक्ष पधारे,पूजत भवि दुखहार 

जय अरहनाथ देवा... ।

 

रतन आरती दीप संजोकर,करें आज हर्षाए

स्वामी करें आज हर्षाए,तुम अज्ञान मिटा दो मेरा

तुम अज्ञान मिटा दो मेरा,अरज यहीं जिनराज

जय अरहनाथ देवा... ।