श्री चन्द्रप्रभु आरती



जय चंद्रप्रभु देवा, स्वामी जय चंद्रप्रभु देवा । 

जय चंद्रप्रभु देवा, स्वामी जय चंद्रप्रभु देवा । 

 

तुम हो विघ्न विनाशक स्वामी, तुम हो विघ्न विनाशक स्वामी 

पार करो देवा, स्वामी पार करो देवा ॥

जय चंद्रप्रभु देवा ० 

 

मात सुलक्षणा पिता तुम्हारे महासेन देवा २। 

चन्द्र पूरी में जनम लियो हैं स्वामी देवों के देवा २ ॥ 

तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो देवा ॥ 

जय चंद्रप्रभु देवा ० 

 

जन्मोत्सव पर प्रभु तिहारे, सुर नर हर्षाये २। 

रूप तिहार महा मनोहर सब ही को भायें २॥ 

तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो देवा ॥ 

जय चंद्रप्रभु देवा ० 

 

बाल्यकाल में ही प्रभु तुमने दीक्षा ली प्यारी २। 

भेष दिगंबर धारा, महिमा हैं न्यारी २॥ 

तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो देवा ॥ 

जय चंद्रप्रभु देवा ० 

 

फाल्गुन वदि सप्तमी को, प्रभु केवल ज्ञान हुआ २ । 

खुद जियो और जीने दो का सबको सन्देश दिया २॥ 

तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो देवा ॥ 

जय चंद्रप्रभु देवा ० 

 

अलवर प्रान्त में नगर तिजारा, देहरे में प्रगटे २। 

मूर्ति तिहारी अपने अपने नैनन, निरख निरख हर्षे २॥ 

तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो देवा ॥ 

जय चंद्रप्रभु देवा ० 

 

हम प्रभु दास तिहारे, निश दिन गुण गावें २। 

पाप तिमिर को दूर करो, प्रभु सुख शांति लावें २॥ 

तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो देवा ॥ 

जय चंद्रप्रभु देवा ०