बाल संस्कार सौरभ भाग-१(तीर्थंकर)



तीर्थंकर

ऋषभ अजित सम्भव अभिनन्दन, सुमति पदम सुपार्श्व जिनराय।

चन्द पुष्प शीतल श्रेयांस अरू, वासुपूज पूजित सुरराय॥

विमल अनन्त धर्म जस-उज्ज्वल, शांति कुन्थु अर मल्लि मनाय।

मुनिसुव्रत नमि नेमि पार्श्व  प्रभु, वर्द्धमान पद शीश नवाय।।

 

चौबीस भगवान - चिन्ह सहित

 टन टना टन, टन टना टन, टन टना टन टन -2

पहले ऋषभ नाथ बैल का चिन्ह, दुसरे अजितनाथ हाथी का चिन्ह,

तीसरे संभव नाथ घोड़े का चिन्ह, चौथे अभिनन्दन नाथ बंदर का चिन्ह,

पांचवे सुमति नाथ चकवा का चिन्ह, छठे पद्यप्रभु श्वेतकमल का चिन्ह,

सातवें सुपार्श्वनाथ साथिया का चिन्ह, आठवें चंद्रप्रभु चंद्रमा का चिन्ह,

टन टना टन...

नवें पुष्पदंत मगर का चिन्ह, दसवें शीतलनाथ कल्प वृक्ष का चिन्ह,

ग्यारहवें श्रेयांसनाथ गेंडा का चिन्ह, बारहवें वासुपूज्य भैंसा का चिन्ह,

तेरहवें विमलनाथ शूकर का चिन्ह, चौदहवें अनन्तनाथ सेही का चिन्ह,

पन्द्रहवें धर्मनाथ वज्रदण्ड का चिन्ह, सोलहवें शान्तीनाथ हिरण का चिन्ह,

टन टना टन...

सतरहवें कुन्थुनाथ बकरे का चिन्ह, अठारहवें अरहनाथ  मछली का चिन्ह,

उन्नीसवें मल्‍लीनाथ कलश का चिन्ह, बीसवें मुनिसुव्रत नाथ कछुए का चिन्ह,

इक्कीसवें नमीनाथ नीलकमल का चिन्ह, बाइसवें नेमीनाथ शंख का चिन्ह,

तेइसवे पार्श्वनाथ सर्प का चिन्ह, चौबीसवें महावीर शेर का चिन्ह,

टन टना टन...

 

पांच बाल ब्रह्मचारी तीर्थंकरों के नाम

श्री वासु-पूज्य-मलि-नेम, पारस वीर अती।

नमूँ मन-वच-तन धरि प्रेम, पाँचों बालयति ॥

 

तीर्थंकर वर्ण परिचय

दो नीले दो लाल जिन, दो गोरे भगवान,

दो तीर्थंकर जी हरे, सोलह स्वर्ण समान।

 

भगवान के वर्ण

पदमप्रभु, वासुपूज्य - लाल रंग के 

सुपार्श्वनाथ, पार्श्वनाथ - हरे रंग के

चंद्रप्रभु, पुष्पदंत - स्वेत रंग के

शेष सोलह तीर्थकर - स्वर्ण रंग के।

 

चौबीस तीर्थकर निर्वाण स्थान

अष्टापद आदीश्वर स्वामी, वासु पूज्य चम्पापुरि नामि।

नेमिनाथ स्वामी गिरनार, बन्दौं भाव भगति उरधार॥

चरम तीर्थंकर चरम शरीर, पावापुरि स्वामी महावीर।

शिखर समेद जिनेसुर बीस, भाव सहित बन्दौं निशदीस॥

 

आओ जानें

तीन पद के धारी तीर्थंकर - शान्तिनाथ, कुन्थुनाथ एवं अरहनाथ

तीन पद कौन से - तीर्थंकर, चक्रवर्ती एवं कामदेव

 

एक से अधिक नाम वाले तीर्थंकर -

1.आदिनाथ जी- ऋषभनाथ जी, वृषभनाथ जी

2.पुष्पदन्त जी - सुविधिनाथ जी

3.महावीर स्वामी - वीर, महावीर, अतिवीर, सन्मति और वर्धमान

 

वर्तमान कालीन चौबीस तीर्थंकरो की १६ जन्मभूमियों के नाम

1.अयोध्या -  ऋषभनाथ जी, अजितनाथ जी, अभिनन्दन जी,  सुमतिनाथ जी, अनंतनाथ जी

2.श्रावस्ती - संभवनाथ जी

3.कौशाम्बी - पदमप्रभु जी

4.वाराणसी - सुपार्श्वनाथ जी, पार्श्वनाथ जी

5.चंद्रपुर - चन्द्रप्रभु जी

6.काकंदी - पुष्पदंत जी

7.भद्रपुर - शीतलनाथ जी

8.सिंहपुर - श्रेयांशनाथ जी

9.चम्पा - वासुपूज्य जी

10.कम्पिला -  विमलनाथ जी

11.रत्नपुर -  धर्मनाथ जी

12.हस्तिनापुर - शांतिनाथ जी, कुंथनाथ जी, अरहनाथ जी

13.मिथिला - मल्लिनाथ जी, नमिनाथ जी

14.राजगृह - मुनिसुव्रतनाथ जी

15.शोर्यपूर - नेमिनाथ जी

16.कुण्डलपुर - महावीर स्वामी